Thursday, March 12, 2009

माँ

तुझसे दूर माँ, तेरा बेटा कैसे रह पायेगा !
मै कही भी रहू , तेरा आँचल ही याद आएगा !!

छूने आया आसमा, पर आसमा से क्या पाऊंगा,
मौत आयेगी एक दिन, मिट्टी में मिल जाऊँगा !
तेरी ममता को छोड़, गर दूर कही जाऊँगा,
सब कुछ पाके भी मैं सब कुछ खो जाऊँगा !
तेरे कदमो में ही बस अब चैन आयेगा !
मै कही भी रहू , तेरा आँचल ही याद आएगा !!

ये सारी दुनिया झूठी, ये सारे भी नाते झूठे ,
फर्क नही पड़ता कोई , गर सब मुझसे रूठे !
तुझे है कसम माँ, तू ना रूठना मुझसे कभी,
तेरा बेटा हूँ मैं , अच्छा नहीं, बुरा ही सही !
तेरे गुस्से में भी मुझे प्यार नज़र आएगा !
मै कही भी रहू , तेरा आँचल ही याद आएगा !!

तुझसे दूर माँ, तेरा बेटा कैसे रह पायेगा !
मै कही भी रहू , तेरा आँचल ही याद आएगा !!

2 comments:

  1. Oye maa waale maan ki khushiyon kaa dhyaan rakh shaadi kar lee

    Tere shaadi ke sapno ko sanjoye hai vo
    kab tak un sapno ko dohraayegi

    Kar le kamine :)

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